Pravin Sharma

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लेखनी कहानी -19-May-2022

सुनो,
बहुत दिन हो गए तुम्हे मुझसे दूर हुऐ,
माना काम कर के तू थक गई थी इसलिए तुझे आराम चाहिए,
पर भरोसा कर मुझ पर हम एक ही प्लेट में खाना खा लेंगे ताकि तुझे बर्तन कम धोना पड़े,
मैं बिना नाश्ते के ऑफिस चला जाऊंगा,
पर अब लौट आओ अब तेरे बिना घर घर सा नहीं लगता,
कल देर रात तो तकिया भी बोल उठा,
वो मखमली गालों वाली कहा गई आज कल,
आज कल तो तुम्हारी बढ़ी हुई दाढ़ी ही चुभती रहती हैं बस,
कल सुबह तो घर का गैस चूल्हा भी मुझसे नाराज़ था,
बोला कहा गई वो जो रोज मुझे नहलाती थी,
चल छोड़ ये किस्से बोलते बोलते तो जिंदगी गुजर जायेगी,
तू बस इतना बता घर कब वापिस आयेगी ।।
Aadi Sharma (Pravin)

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13 Comments

Neelam josi

21-May-2022 04:01 PM

Very good

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Pravin Sharma

07-Jun-2022 01:58 PM

Thx

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Fareha Sameen

20-May-2022 08:48 PM

Nice

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Reyaan

20-May-2022 02:40 PM

👏👌

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